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तुम्हारी हर बात अच्छी थी

तुम्हारी हर बात अच्छी थी हर बात सच्ची थी मैं नादान था जो तुम्हारी भावनाओं को समझ नहीं पाया जितना बार गिरा हूं संभलने की कोशिश किया इसीलिए फर्श से अर्श पर अपनी मुकद्दर है मुझे आपके प्यार का आशियाना मिला हर लम्हा खुशियों में गुजर रहा है अच्छी जिंदगी जीने का सौभाग्य मिला है थोड़ा-थोड़ा मुझे रोज तोड़ती जा रही हो आज मेरे मोहब्बत का हिसाब कर दो
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कई बार गिरकर

कई बार गिरकर संभलकर चलना सीख पाया मेरे कोशिशों से और तुम्हारे सहयोग से जिंदगी को नया सा मोड मिल गया है मन करता है अब सिफारिश करना छोड़ दें वह मेरे बातों को जिस तरह नजरअंदाज कर रहे हैं ऐसा लग रहा है जैसे वह मुझसे प्यार नहीं करते हैं कब तक फासलों को कम करने की बेकरारी को सहते रहेंगे ज्यादा इंतजार करना मुश्किल होता जा रहा है तुम्हारी नशीली आंखों से और नशीली बातों से मेरे मन का तार इस तरह जुड़ गया है कि हमसफर बनने को दिल चाहता है