कई बार गिरकर संभलकर चलना सीख पाया मेरे कोशिशों से और तुम्हारे सहयोग से जिंदगी को नया सा मोड मिल गया है मन करता है अब सिफारिश करना छोड़ दें वह मेरे बातों को जिस तरह नजरअंदाज कर रहे हैं ऐसा लग रहा है जैसे वह मुझसे प्यार नहीं करते हैं कब तक फासलों को कम करने की बेकरारी को सहते रहेंगे ज्यादा इंतजार करना मुश्किल होता जा रहा है तुम्हारी नशीली आंखों से और नशीली बातों से मेरे मन का तार इस तरह जुड़ गया है कि हमसफर बनने को दिल चाहता है
Shayari sangrah | Hindi shayari